- ईआईबी की विकास शाखा ने तेजी से बढ़ते राज्य उत्तराखंड में जल और सीवेज प्रणालियों में सुधार के लिए भारत सरकार को 191 मिलियन डॉलर का ऋण दिया है।
- यह ऋण भारत के जल क्षेत्र के लिए पूर्णतः समर्पित ईआईबी की पहली भागीदारी है।
- इस परियोजना से गरीब परिवारों सहित लगभग 900000 लोगों को लाभ मिलेगा।
यूरोपीय निवेश बैंक की विकास शाखा ईआईबी ग्लोबल, सरकार को उत्तर भारत के राज्य उत्तराखंड में जल के इंफ़्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने और उसका विस्तार करने के लिए $191 मिलियन का लोन दे रही है। ईआईबी ग्लोबल के लिए यह प्रोजेक्ट, भारत में इस प्रकार की पहली पहल है और उत्तराखंड में वहां जल आपूर्ति और स्वच्छता को कवर करती है, जहां कृषि, विनिर्माण और पर्यटन में तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है।
ईआईबी ग्लोबल ऋण का उपयोग महत्वपूर्ण जल एवं स्वच्छता अवसंरचना में नियोजित सुधार के लिए किया जाएगा तथा इसके अतिरिक्त इसमें जल रिसाव को कम करने के लिए सतत निगरानी, स्वचालित मीटर रीडिंग, बेहतर संयंत्र स्वचालन, वास्तविक समय में दूरस्थ डेटा संग्रहण तथा वंचित समुदायों के लिए नए कनेक्शन शामिल होंगे। इस काम से उत्तराखंड के कम से कम 900 000 लोगों को लाभ मिलेगा, और इन्हें अगले पाँच सालों में पूरा करने की उम्मीद है।
ईआईबी के उपाध्यक्ष निकोला बीयर और भारतीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज इस ऋण समझौते की घोषणा की।
“उत्तराखंड में बेहतर स्वच्छ जल आपूर्ति और स्वच्छता से जुड़े सिस्टम से सार्वजनिक स्वास्थ्य की गुणवत्ता पर सकारात्मक असर पड़ेगा। ईआईबी के उपाध्यक्ष निकोला बीयर ने कहा "अपशिष्ट जल के आधुनिक उपचार, रिसाव में कमी और अधिक कुशल जल आपूर्ति से गरीब परिवारों को लाभ मिलेगा।”
भारत के जल क्षेत्र में ईआईबी की पहली भागीदारी यूरोपीय संघ के "ग्लोबल गेटवे इन्वेस्टमेंट एजेंडा" को आगे बढ़ाती है, जिसका उद्देश्य दुनिया भर में प्रमुख बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाना है।
उत्तराखंड में गरीब परिवारों के लिए जल और सीवेज कनेक्शन के विस्तार के लिए ईआईबी ग्लोबल सपोर्ट प्रदान किया जाएगा। जहां महिलाएं और लड़कियां अपने परिवार के सदस्यों की देखभाल की तुलनात्मक रुप से अधिक ज़िम्मेदारी निभाती है, जो अनियमित आपूर्ति और खराब स्वच्छता सेवाओं के कारण बीमार हो जाते हैं।
पृष्ठभूमि की जानकारी
ईआईबी ग्लोबल के बारे में:
यूरोपीय निवेश बैंक (ईएलबी) यूरोपीय संघ का दीर्घकालिक ऋण देने वाला संस्थान है, जिसका स्वामित्व सदस्य देशों के पास है। यह उन निवेशों को वित्त समर्थन देता है, जो ईयू के नीतिगत उद्देश्यों को आगे बढ़ाते हैं।
ईआईबी ग्लोबल ईआबी समूह की विशेष शाखा है, जो अंतर्राष्ट्रीय साझेदारियों और विकास वित्त के प्रभाव को बढ़ाने के लिए समर्पित है, और ग्लोबल गेटवे की एक प्रमुख साझेदार है। इसका उद्देश्य 2027 के अंत तक €100 अरब के निवेश का समर्थन करना है – जो इस EU पहल के कुल लक्ष्य का लगभग एक-तिहाई है। टीम यूरोप के तहत, ईआईबी ग्लोबल अन्य विकास वित्तीय संस्थाओं और नागरिक समाज के साथ मज़बूत, केंद्रित साझेदारियों को बढ़ावा देता है। ईआईबी ग्लोबल दुनिया भर में अपने कार्यालयों के ज़रिए ईआईबी समूह को लोगों, कंपनियों और संस्थानों के करीब लाता है। मीडिया उपयोग के लिए ईआईबी मुख्यालय की फ़ोटोयहां469>उपलब्द हैं।http://twitter.com/EIB https://www.linkedin.com/company/eib-global/
भारत में ईआईबी ग्लोबल के बारे में:
ईआईबी, कई पक्षों वाला विश्व का सबसे बड़ा बहुपक्षीय सार्वजनिक बैंक है। साल 2024 में, इसने यूरोप के बाहर गतिविधियों के लिए 2022 में स्थापित EIB की शाखा ईआईबी ग्लोबल के ज़रिए लगभग €8.4 अरब के निवेशों को वित्तपोषित किया। 1993 में भारत में अपने संचालन की शुरुआत के बाद से, ईआईबी ने देश में 100 से अधिक प्रोजेक्ट्स का समर्थन किया है, जिसमें परिवहन और ऊर्जा प्रोजेक्ट्स के साथ-साथ भारत के छोटे और मध्यम उद्यमों और मिड-कैप्स में €5.6 अरब का निवेश शामिल है।
ग्लोबल गेटवे इन्वेस्टमेंट एजेंडा के बारे में:
ईआईबी ग्लोबल, यूरोपीय संघ की ग्लोबल गेटवे इन्वेस्टमेंट एजेंडा को लागू करने में एक प्रमुख साझेदार है, जो ऐसे अहम प्रोजेक्ट्स का समर्थन करता है, जो डिजिटल, जलवायु, परिवहन, स्वास्थ्य, ऊर्जा और शिक्षा क्षेत्रों में वैश्विक और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को सुधारती है। कनेक्टिविटी में निवेश, ईआईबी ग्लोबल का मूल काम है, जो इस क्षेत्र में बैंक के 65 सालों के अनुभव पर आधारित है। हमारे साझेदारों, ईयू के साथी संस्थानों और सदस्य देशों के साथ मिलकर, हमारा लक्ष्य 2027 के अंत तक भारत और एशिया सहित 100 बिलियन यूरो के निवेश (पहल के पूरे बजट का लगभग एक तिहाई) का समर्थन करना है।